दो मुखी रुद्राक्ष (Do (2) Mukhi Rudraksha)
दो मुखी रुद्राक्ष में साक्षात शिव-पार्वती का वास होता है। शिवपुराण के अनुसार दो मुखी रुद्राक्ष बेहद दुर्लभ और कल्याणकारी रुद्राक्ष है। दो मुखी रुद्राक्ष को देवेश्वर भी कहा जाता है।
दो मुखी रुद्राक्ष के फायदे (Effects of Rudraksha)
* दो मुखी रुद्राक्ष दांपत्य जीवन को सुखमय बनाने के लिए लाभकारी होता है।
* दो मुखी रुद्राक्ष झगडों या कर्ज से मुक्ति, गृह क्लेश और समाज में सम्मान दिलाता है।
* यह कामनाओं को पूरा तथा उचित फल देने वाला रुद्राक्ष है।
* यह रुद्राक्ष कई तरह की शारीरिक बीमारियों जैसे मोटापे, हृद्य दोष आदि से मुक्ति दिलाता है।
* कर्क राशि के जातकों के लिए दो मुखी रुद्राक्ष लाभकारी है।
दो मुखी रुद्राक्ष का मंत्र (Do Mukhi Rudraksha Mantra in Hindi)
* दो मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का आसान मंत्र “ऊं नम:” (Om Namah) है।
*दो मुखी रुद्राक्ष सीधे सीधे भगवान शिव और माँ पारवती का स्वरुप है | इसे अर्धनारीश्वर का स्वरुप भी कहा गया है | इस रुद्राक्ष को धारण करने से शिव और शक्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है | वैसे तो इस रुद्राक्ष की उत्पति नेपाल, इंडोनेशिया व् भारत में कई स्थानों पर होती है लेकिन नेपाल का दो मुखी रुद्राक्ष सबसे श्रेष्ठ माना गया है |
⇨दो मुखी रुद्राक्ष के लाभ:-
इसके धारक का क्षेत्र में सम्मान बढ़ता है, रूप, सौंदर्य अवं वाक्शक्ति की वृद्धि करता है | पति पत्नी के आपसी मतभेदों को कम करके ग्रहस्थ सुख की बढ़ोतरी करता है | इसके धारण से भूत प्रेत की बाधा भी दूर होती है और सभी प्रकार की इच्छाएँ धीरे धीरे पूर्ण होने की ओर बढ़ने लगती हैं | दो मुखी रुद्राक्ष का धारक महाशिवपुराण के अनुसार ब्रह्म हत्या एवं गाए हत्या के पाप से भी मुक्त हो सकता है | दो मुखी रुद्राक्ष भगवान चन्द्र देव के अधिकार क्षेत्र में आता है | इसके धारण करने से मन में चन्द्रमा की चांदनी जैसी शीतलता प्रदान होती है | मनुष्य ने जीवन में कई प्रकार के अगर पाप भी किए हों और अंतिम अवस्था में अगर दो मुखी रुद्राक्ष धारण किया हो तो जीवन में पापी होने के बावजूद मरणोपरांत स्वर्ग की प्राप्ति होती है इसलिए हर जन को अर्धनारीश्वर स्वरुप भगवान शिव और शक्ति के आशीर्वाद के रूप में नेपाली दो मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए |
⇨दो मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का मंत्रदो :-
दो मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का मंत्र “ॐ नमः”, “ॐ नमः शिवाय” और “ॐ नमः दुर्गाए” है | “ॐ अर्ध्नारिश्वराए नमः” इस सर्वश्रेष्ठ मंत्र को अगर 5 माला रोज़ कर लिया जाए तो शिव और माँ पारवती की विशेष कृपा होने लग जाती है |
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