Sunday, 23 July 2017

स्फटिक श्री यंत्र(shree yantra)




➤ स्फटिक श्री यंत्र(shree yantra)


       आज के भौतिक युग में अर्थ (धन) जीवन कि मुख्य आवश्यक्ताओं में से एक है। धनाढ्य व्यक्तिओं जीवनशैली को देखकर प्रभावित होते हुवे साधारण व्यकि कि भी कामना होती हैं, कि उसके पास भी इतना धन हो कि वह अपने जीवन में समस्त भौतिक सुखो को भोग ने में समर्थ हों। एसी स्थिमें मेहनत, परिश्रम से कमाई करके धन अर्जित करने के बजाय कुछ लोग अल्प समय में ज्यादा कमाने कि मानसिकता के कारण कभी–कभी गलत तरीकें अपनाते हैं।

जिसके फल स्वरुप एसे लोग धन का वास्तविक सुख भोगने से वंचित रह जाते हैं और रोग, तनाव, मानसिक अशांति जेसी अन्य समस्याओं से ग्रस्त हो जाते हैं।


➤ स्फटिक श्री यंत्र अचूक उपाय (Sphatik Sri Yantra Remedy)


स्फटिक श्री यंत्र स्थाई धन प्राप्ति का अचूक उपाय बनता है. इसके साथ देवी लक्ष्मी, शुक्र देव और कुबेर जी की पूजा का विधान तुरंत असरदायक होता है. जहां देवी लक्ष्मी जी ऎश्वर्य देती हैं वहीं शुक्र देव की अनुकूलता से भोगों को भोगने का सामर्थ्य व सुख मिलता है और कुबेर धन का संचय कराते हैं और वैभव प्रदान करते हैं.  इन तीनों की पूजा संयुक्त रुप से श्री यंत्र के समक्ष की जाए तो अवश्य ही संपन्नता व समृद्धि बनी रहती है.


➤ स्फटिक श्री यंत्र साधना ( Sphatik Sri Yantra Sadhna)


पौराणिक ग्रंथों में भी इन तीनों की उपासना को महत्व पूर्ण रुप से दर्शाया गया है. मां लक्ष्मी  और ऎश्वर्यप्रदाता शुक्र की उपासना के लिए श्री यंत्र की पूजा की जानी चाहिए. स्फटिक यंत्र में धनदात्री माँ लक्ष्मी व शुक्र का आशिर्वाद समाहित होता है. इसकी साधना से भुक्ति, मुक्ति, ऐश्वर्य सभी प्रकार के वैभव की प्राप्ति होती है.

➤ स्फटिक श्री यंत्र पूजा विधि ( Sphatik Sri Yantra Worship)

इस यंत्र को स्थिर लग्न में यथाविधि द्वारा पूजना चाहिए. इस यंत्र को गंगाजल व पंचामृत से शुद्ध किया जाता है. पांच अकीक लें और उनके उपर स्फटिक श्री यंत्र को रखें. अब यंत्र को विग्रह में चौकी पर लाला वस्त्र बिछाकर स्थापित करें और यथाविधि पंचोपचार व षडोशोपचार पूजन करें व मंत्र जाप करं



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